कबीर जी: सादगी में गहरी शिक्षा और हर बच्चे के लिए प्रेरणा
ABKM में हम मानते हैं कि हर बच्चे को सीखने, बढ़ने और सफल होने का पूरा मौका मिलना चाहिए। इस सफर में हमें ऐसे महान विचारकों और कवियों से प्रेरणा मिलती है जिन्होंने जीवन की सच्चाई को सरल और गहन शब्दों में व्यक्त किया। ऐसे ही एक महापुरुष थे कबीर जी, जिनकी शिक्षाएं आज भी हर बच्चे और युवा के लिए प्रासंगिक हैं।
कबीर जी कौन थे?
कबीर दास एक महान संत और कवि थे जिन्होंने 15वीं सदी में अपनी सरल भाषा और गहरे विचारों से समाज को जागरूक किया। वे सामाजिक भेदभाव, अंधविश्वास और कट्टरता के खिलाफ थे और उन्होंने सच्चे ज्ञान, प्रेम और एकता की बात कही। उनकी कविताओं और दोहों में जीवन की सच्चाइयों को समझने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
कबीर जी की शिक्षाएं और ABKM का मिशन
कबीर जी का संदेश था कि असली शिक्षा और सच्ची समझ दिल से आती है, न कि केवल पुस्तकों से। ABKM भी इसी विश्वास पर काम करता है कि हर बच्चे के अंदर सीखने और बढ़ने की अपार क्षमता होती है। कबीर जी की तरह हम भी बच्चों को न केवल किताबों की शिक्षा देते हैं, बल्कि उन्हें अपने भीतर के आत्मविश्वास और सपनों को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
शिक्षा से टूटते हैं बंधन
कबीर जी ने कहा था:
"बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अचर।"
इसका मतलब है कि बाहरी दिखावे से ज्यादा मायने आत्मा की ताकत और ज्ञान की है। ABKM भी यही मानता है कि शिक्षा के माध्यम से बच्चे गरीबी और सामाजिक बंधनों को तोड़ सकते हैं और अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
कबीर जी की विरासत आज भी जीवंत
कबीर जी के दोहे आज भी हमारे दिलों को छूते हैं और हमें बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं। ABKM इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए हर बच्चे को सशक्त बनाना चाहता है ताकि वे अपने जीवन में सही निर्णय लें, सपने देखें और उन्हें पूरा करें।
साथ मिलकर बदलें दुनिया
हम सब मिलकर कबीर जी की शिक्षाओं और ABKM के मिशन को जीवन में उतार सकते हैं। आइए हम हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दें, ताकि वे ज्ञान की रोशनी से अपने जीवन और समाज को रोशन कर सकें।